Wednesday, January 30, 2013

पहला फल पवित्र है


येशु परमेश्वर का पहला फल  है और परमेश्वर की निगाह में पवित्र है| उसी के जरिये सारी मानव जाति परमेश्वर के सन्मुख पवित्र ठहरी है
प्रथम  फल  के  अध्धयन के  जरिये हम जान पातें हैं कि  प्रथम फल परमेश्वर की निगाह में  पवित्र है  
और जो भी परमेश्वर की निगाह में पवित्र है वो उसे स्वीकार कर लेता है
क्या तुम चाहते हो कि परमेश्वर तुम्हें स्वीकार करें?
हाँ
बोलो - मैं  पवित्र हूँ
परमेश्वर को हर समय   प्रथम स्थान पर रक्खो
अपनी पढाई में
अपनी दोस्ती में
अपने रिश्तों में
अपनी नौकरी में
अपने धन में
तुम जो भी करो उन सबमें
पढो मत्ती 6:33
इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
परमेश्वर का राज्य कहाँ है?
जहाँ परमेश्वर के नियमों को माननेवाले मिलतें है
परमेश्वर केनियमों को मानने वाले कहाँ मिल सकतें है?
बोलो - मुझमें
पढो लुका 17:20-21
जब फरीसियों ने उस से पूछा, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उस ने उन को उत्तर दिया, कि परमेश्वर का राज्य प्रगट रूप से नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे, कि देखो, यहां है, या वहां है, क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है॥
और लुका 11:20
परन्तु यदि मैं परमेश्वर की सामर्थ से दुष्टात्माओं को निकालता हूं, तो परमेश्वर का राज्य तुम्हारे पास आ पहुंचा।
बोलो - परमेश्वर का राज्य हमारे बीच में है
पढो लैव्यव्यवस्था 23:14
और जब तक तुम इस चढ़ावे को अपने परमेश्वर के पास न ले जाओ, उस दिन तक नये खेत में से न तो रोटी खाना और न भुना हुआ अन्न और न हरी बालें; यह तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में तुम्हारे सारे घरानों में सदा की विधि ठहरे॥
परमेश्वर तुम्हें अवश्य ही आशीष देगा
पढो रोमियो 11:16
जब भेंट का पहिला पेड़ा पवित्र ठहरा, तो पूरा गुंधा हुआ आटा भी पवित्र है: और जब जड़ पवित्र ठहरी, तो डालियां भी ऐसी ही हैं।
हमारा परमेश्वर कभी न बदलने वाला परमेश्वर है
उसके सिद्धांत  कभी न बदलने वाले हैं
उसके सभी आदेश हमारे प्रावधान और बहुतायत के लिए है
परमेश्वर हमारे जीवन में सभी उत्तम वस्तुओं को देखना चाहता है
तो हम क्या करें?
हम अवश्य ही परमेश्वर के शब्दों के सत्य  का अनुसरण करें
जब हर प्रथम भाग परमेश्वर की निगाह में पवित्र है तो रोमियो  11:16 के अनुसार परमेश्वर की उपस्थिती और उसका प्रावधान हमारे शेष को भी सुरक्षित कर देगा
लैव्यव्यवस्था 23 के अनुसार इस्राइलों को आदेश दिया गया था कि वो हर फसल के मौसम की शुरुवात में परमेश्वर सामने विशेष भेंट लाएं
जनवरी का महीना हमारी फसल के मौसम की शुरुवात है 
इस भेंट को प्रथम फल बोला गया क्योंकि ये हमारे आगें आने वाले या प्राप्त  होने वाली तनख्वाह या आशीषों   का पहला हिस्सा है यानी कि आने वाले 11 महीनों का भाग, इसका मतलब है परमेश्वर हमारी कमाई की देखभाल करेगा
बोलो - प्रभु येशु हम इस भाग को आपको देतें है क्योंकि हम अपनी पूरी फसल की पैदावार  को जानते है कि वो आपके द्वारा हमें मिलती है
बोलो - हम अपना प्रथम फल आपको देतें है क्योंकि ये आपका ही है
बोलो - ये अति सुंदर पवित्र शास्त्र  का सिद्धांत है जो हमारे जीवन में परमेश्वर की संतान होने के नाते लागू होता है
बोलो - जब हम परमेश्वर को भेंट देतें है हम   कहतें  है  कि  हमारा  सब  कुछ  परमेश्वर  का  है और हम विश्वास करतें है कि परमेश्वर हमारी हर ज़रुरत को पूरी करेगा
येशु परमेश्वर का पहला फल  है और परमेश्वर की निगाह में पवित्र है| उसी के जरिये सारी मानव जाति परमेश्वर के सन्मुख पवित्र ठहरी है
पिता मैं प्रभु यीशु के नाम पर प्रार्थना करती हूँ कि प्रथम फल के सिद्धांत को जीवन में अपनाना एक तरह से परमेश्वर की सामर्थ्य और उसके प्रावधान को स्मरण करना है, और पुरे विश्व से उसका सम्बन्ध सिद्ध करना है। प्रभु हम अपना पहला फल पुरे विशवास के साथ लाते हैं और परमेश्वर को बहुतायत के लिए धन्यवाद देते है।
आमीन 


Wednesday, January 2, 2013

कोई स्थिति निराशाजनक नहीं है

"सफलता दिमाग की सोच  है"
तुम्हारे रवैये के द्वारा तुम्हारी सोच निर्धारित होती है | अगर तुम्हारी सोच जीवन में सफलता पाने की है तो तुम अपने दिमाग और शरीर को अनुशाषित करोगे | यहीं से शुरुआत होती है जीत की |
प्रकाशित वाक्य 12:11 में लिखा है, "और वे मेमने के लहू के कारण और अपनी साक्षी के वचन के कारण उस पर विजयी हुए हैं"
यह मेमना कौन है?
पढ़ें युहन्ना 1:29, …….”देखो परमेश्वर का मेमना जो जगत का पाप उठा ले जाता है"
बोलो - मेरे पापों का भुगतान हो चुका है
बोलो - मैं विजयी हूं
कुछ समय पहले मैंने एक कहानी पढ़ी, जो एक गरीब आदमी के बारे में थी जो अमीर हो गया था | उस समय बहुत अमीर व्यक्ति ही कार खरीद सकते थे | अपनी अमीरी दिखाने के लिए उस व्यक्ति ने एक कार खरीद ली, और अच्छे कपडे व टोपी भी खरीदी | हर रोज़ सुबह वह अपनी कार से जाता और लोगों को अभिवादन करता था और शाम को लौट आता था, लेकिन उसे होर्न बजाने की कभी भी जरूरत नहीं पड़ी |
क्या तुम जानना चाहोगे ऐसा क्यों हुआ?
क्योंकि उसकी कार के आगे दो घोड़े बंधे थे जो पूरा दिन उसकी कार को खींचते थे
क्या तुम जानना चाहोगे कि घोड़े उसकी कार को क्यों खींचते थे?
क्योंकि उसको कार चलानी नहीं आती थी
बहुत बार हम भी उसी व्यक्ति जैसे होते है, जिसके अन्दर परमेश्वर के द्वारा दी गयी असीम सामर्थ है, पर अज्ञानता के कारण परमेश्वर के आशीषों से वंचित रहते है
बोलो - मुझमे सामर्थ है
बोलो - मैं आशीषों के दायरे में रहूँगा
मैं तुम्हे थोड़ा और आगे ले चलती हूं, यह तुम्हारी आँखों को खोल देगा और तुम परमेश्वर द्वारा दी गयी योग्यताओं को पहचानोगे
पढ़े लुका 16:19-26,
"एक धनी पुरुष था जो सदा बैजनी वस्त्र व मलमल पहिना करता था और प्रतिदिन बड़े धूमधाम व सुख-विलास से रहता था | और लाजर नाम का एक कंगाल व्यक्ति घावों से भरा हुआ उसके फाटक पर छोड़ दिया जाता था, उस धनवान पुरुष की मेज से जो तुकडे गिरते थे, उनसे वह पेट भरने को तरसता था | इसके अतिरिक्त कुत्ते भी उसके घावों को आकर चाटा करते थे  | ऐसा हुआ कि कंगाल पुरुष मर गया और स्वर्गदूतों ने उसे इब्राहिम की गोद में पहुंचा दिया | वह धनी पुरुष भी मरा और दफना दिया गया | तब अधोलोक में अत्यंत पीड़ा में पड़े हुए उसने अपनी आँखें उठायी और दूर से इब्राहीम को देखा जिसकी गोद में लाजर था | तब उसने पुकार कर कहा, "हे पिता इब्राहीम मुझ पर दया कर | लाजर को भेज कि वह अपनी उंगली का सिरा पानी में डुबो कर मेरी जीभ को ठंडा करे, क्योंकि मैं इस ज्वाला में पड़े तड़प रहा हूं"| परन्तु इब्राहीम ने कहा, "हे पुत्र स्मरण कर कि तू अपने जीवन में सब अच्छी वस्तुएं प्राप्त कर चुका है और इसी प्रकार लाजर बुरी वस्तुएं , परन्तु अब वह यहाँ शांति पा रहा है और तू पीड़ा में पड़ा तड़प रहा है |इसके अतिरिक्त हमारे और तुम्हारे मध्य एक अथाह खाई निर्धारित की गयी है कि यहाँ से कोई उस पार जाना भी चाहे तो ना जा सके, और वहां से यदि कोई इस पार हमारे पास आना चाहे तो ना आ सके |
यहाँ पर किन्ही बातों पर ध्यान दो
1 . कहानी बताने वाला कोई और नहीं यीशु है और वही न्याय के दिन न्यायाधीश होगा
2 . न्यायाधीश को सजा देने या माफ़ी देने का पूरा अधिकार है
3 . उससे मांगो तो वह तुम्हारे पाप माफ़ कर देगा
4 . धनी व्यक्ति की चाल परमेश्वर के सम्मुख सही नहीं थी, लेकिन उसने अपने काम-काज पर भली प्रकार ध्यान दिया हुआ था इसी कारण वह धनवान था, उसने सफलता तो पाई पर स्वर्ग खो दिया
5 . इसका मतलब है कि वह पाप कर रहा था
6 . भिखारी लाजर के पास सब सामर्थ थी जिससे वह इस दुनिया में सुख पूर्वक रह सकता था लेकिन उसने अपनी अज्ञानता के कारण सुख नहीं पाया
पढ़ें होशे 4:6, अज्ञानता के कारण  मेरी प्रजा नाश हो जाती है
7 . इसका मतलब है कि लाजर आलसी था और अज्ञानता के कारण परमेश्वर के दिए हुए आशीष को नहीं जानता था
8 . वह बीमार था और काम नहीं कर सकता था, इसी कारण वह धनी व्यक्ति की जूठन पर निर्भर था
9 . वह परमेश्वर की चंगाई से अज्ञान था
यहाँ पर इन दोनों के अंत को ध्यान से देखो, धनी को अनंत पीड़ा और भिखारी को अनंत जीवन मिला
बोलो - मैं नाश ना हूँगा
बोलो - क्योंकि मैं अज्ञान नहीं हूं
बहुत बार मैंने अपने गुजरे हुए कल में परमेश्वर से प्रश्न किया है, "बुरे व्यक्ति क्यों फलते-फूलते हैं?
ऐसा ही यिर्मियाह भी कहता है
पढ़े यिर्मियाह 12:1
हे यहोवा तू तो धर्मी है कि मैं अपना मुक़दमा तेरे सम्मुख लडूं, वास्तव में मैं न्याय की बातों का तेरे साथ विवाद करूंगा, दुष्टों का मार्ग क्यों सफल होता है? क्या कारण है जो विश्वासघात करते है वे सुख से रहते है?
जैसे-जैसे मैं परमेश्वर में बढ़ने   लगी, मैंने उसके तीन सिद्धांतों को जाना और समझा कि ऐसा क्यों होता है?
1 . मैंने उत्पत्ति 3:17 के अनुसार जाना, ........ इसलिए भूमि तेरे कारण शापित है | तू उसकी उपज जीवन भर कठिन परिश्रम के साथ खाया करेगा |
इसलिए प्रत्येक व्यक्यी कठिन परिश्रम से सफलता पातें है
2 . मैंने व्यवस्थाविवरण 8:17 और 18 के अनुसार जाना, "तू अपने मन में यह ना कहने लगे कि मैंने यह सारी संपत्ति अपने सामर्थ तथा बाहुबल से कमाई है, परन्तु तू अपने परमेश्वर यहोवा को स्मरण रखना क्योंकि वही तुझको संपत्ति प्राप्त करने का सामर्थ्य देता है कि वह अपनी उस वाचा को पूरी करे......."
3 . मैंने यह जाना कि संपत्ति विरासत से भी प्राप्त होती है
लोग कैसे संपती पातें है इस बात को मैं इस तरह से बता सकती हूं
१. कठिन परिश्रम से
2 . कठिन परिश्रम और परमेश्वर के अनुग्रह से
3 . विरासत में मिली संपत्ति से
4 . छल-कपट से
अगर मैं पूछूं किस तरह की संपत्ति सबसे अच्छी है तो तुम क्या कहोगे?
कठिन परिश्रम और परमेश्वर के अनुग्रह से!!!
बोलो - मैं हर दिन कठिन परिश्रम करता हूं
बोलो - मुझ पर परमेश्वर का अनुग्रह है
आज मैं तुम सभी को उत्साहित करना चाहूंगी और बताना चाहूंगी कि तुम कैसी भी स्थिति में क्यों ना हो, प्रभु यीशु में आशा है | इसलिए अपनी स्थिति से बाहर आओ और परमेश्वर द्वारा दी गयी योग्यता में प्रवेश करो और पवित्र आत्मा को अपने जीवन में काम करने दो और सफल जीवन जीयो
परमेश्वर चाहता है कि हम ज्ञानवान हों
परमेश्वर चाहता है कि हम समृद्धशाली हों
परमेश्वर चाहता है कि हम स्वर्ग में जाएँ ना कि नरक में
परमेश्वर चाहता है कि हम पाप मुक्त हों
परमेश्वर चाहता है कि हम बिमारी से छूटकारा पाएं
अपने स्थान पर खड़े हो और परमेश्वर से बात करो
उससे बोलो कि वह तुम्हें माफ़ कर दे और अपने अनुग्रह से भर दे
आमीन