Saturday, November 17, 2012

आपकी सुरक्षा की दीवार कैसी है?

चीन की महान दीवार दुनिया के सात अजूबों में से एक है |
अस्त्रोनौट्स के अनुसार चन्द्रमा से यदि किसी चीज़ की झलक दिखती है वह है चीन की महान दीवार, इस महान दीवार को चीनियो  ने शत्रु के हमले से बचने के लिए इतना मजबूत बनाया था कि उसे कोई भी तोड़ ना सका उस पर चढ़ ना सका ना जीत सका, लेकिन फिर भी चीनियो ने तीन बार शत्रुओं से हार खाई
लेकिन यह संभव कैसे हुआ? जबकि दीवार तीस फीट ऊंची अट्ठारह फीट मोटी और एक हज़ार पांच सौ मील लम्बी थी|
उन चीनियो की हार इसलिए हुई क्यों कि उनके चौकीदारों ने घूस लेकर शत्रुओं को हमला करने के लिए अन्दर जाने दिया|
क्या हम अपने घर की सुरक्षा के लिए दीवार  बनाते हैं?
उत्तर होगा 'हाँ' हम सभी मजबूत दरवाजे और चार दिवारी  बनाते हैं
जैसा स्वाभाविक में है वैसा ही आत्मिक जगत में भी है,
क्या हम आत्मिक जगत में भी अपने घर के चारों ओर सुरक्षा की दीवार बनाते हैं?
आप कहेंगे, हाँ मै हर रोज़ बनाता हूँ
बहुत अच्छा
क्या दरवाजा या फाटक ठीक से बंद करते हैं, ताकि कोई चुपचाप ना घूस सके
बस यही वह जगह है जहाँ हम मात खा जाते हैं
चार दिवारी तो बनते हैं लेकिन फाटक को खुला छोड़ देते हैं
परमेश्वर का लहू हमारे लिए एक मजबूत बाड़ा है
लेकिन हमारी आदतें और स्वभाव एवं पाप कर्म प्रभु यीशु के लहू के मजबूत बाड़े को कमज़ोर कर देता है
क्या मेरी बात समझ रहे हैं आप लोग?
अयूब 1:1-5,
ऊज़ देश में अय्यूब नाम एक पुरुष था; वह खरा और सीधा था और परमेश्वर का भय मानता और बुराई से परे रहता था। उसके सात बेटे और तीन बेटियां उत्पन्न हुई। फिर उसके सात हजार भेड़-बकरियां, तीन हजार ऊंट, पांच सौ जोड़ी बैल, और पांच सौ गदहियां, और बहुत ही दास-दासियां थीं; वरन उसके इतनी सम्पत्ति थी, कि पूरबियों में वह सब से बड़ा था। उसके बेटे उपने अपने दिन पर एक दूसरे के घर में खाने-पीने को जाया करते थे; और अपनी तीनों बहिनों को अपने संग खाने-पीने के लिये बुलवा भेजते थे। और जब जब जेवनार के दिन पूरे हो जाते, तब तब अय्यूब उन्हें बुलवा कर पवित्र करता, और बड़ी भोर उठ कर उनकी गिनती के अनुसार होमबलि चढ़ाता था; क्योंकि अय्यूब सोचता था, कि कदाचित मेरे लड़कों ने पाप कर के परमेश्वर को छोड़ दिया हो। इसी रीति अय्यूब सदैव किया करता था।
 अयूब लगातार अपने परिवार और बच्चों के लिए त्याग बलि देता था ताकि उनके पाप माफ़ हो सकें
अयूब 1:10
क्या तू ने उसकी, और उसके घर की, और जो कुछ उसका है उसके चारों ओर बाड़ा नहीं बान्धा? तू ने तो उसके काम पर आशीष दी है,
इससे पता चलता है अयूब की लगातार प्रार्थना परमेश्वर के सम्मुख पहुँचती थी और परमेश्वर स्वुम सुरक्षा का घेरा बनाता था और उसे आशीष देता था
इसलिए अपने दिल को टटोलो और परमेश्वर से माफ़ी मांगो और होने दो कोई भी पाप कर्म  तुम्हारे दिल के फाटक के ज़रिये तुम्हारे जीवन की चार दिवारी की सुरक्षा को नष्ट ना करे
परमेश्वर ने हमे मध्यस्ता करने वाले लोग दिए हैं
वास्तव में हम सभी परमेश्वर के आगे मध्यस्ता करते हैं
हम सिर्फ अपनी प्रार्थना के लिए नहीं बुलाये गए हैं बल्कि हम बुलाये गए है की दूसरों के लिए प्रार्थना करें इस तरह हम सभी मध्यस्ता के लिए बुलाये गए हैं|
बोलो हमारी दीवार चीन की महान  दीवार से भी ताकत वर है और इसके फाटक शत्रु को घुसने ना देंगे अयूब चौकीदारी का काम कर रहा था वह अपने बच्चों के लिए सदेव सचेत था, लेकिन उसने भय की दुष्ट आत्मा को अपने फाटक के जरिये अन्दर आने दिया जो उसके जीवन में हार का कारण बन गयी|
क्या तुम हारोगे?
बोलो - प्रभु यीशु ने हमे जयवंत बनाया है!
अमीन
प्रार्थना
स्मरण योग्य  बातें -
* आराधना स्तुति अवश्य करे
* प्रभु यीशु के लहू में छूटकारा है
प्रभु यीशु के लहू के गीत गाये जिनसे शैतान डरता है
प्रार्थना - पिता यीशु के नाम पर मैं आपसे माफ़ी मांगता हूँ एक बार फिर मुझे अपने लहू से धो डालो, मैं परमेश्वर की संतान हूँ और यशायाह 54:17 के अनुसार मेरे विरोध में उठा हुआ कोई भी शास्त्र सफल ना होगा
अन्धकार की दुनिया के तीरों को जो मेरे विरोध में भेजे गये हैं उन्हें मैं यीशु के नाम पर वापस भेजता हूँ|
* भजन संहिता के 140:7 के अनुसार परमेश्वर मेरी ताकत है और उसने मेरे सिर को ढका हुआ है |
* प्रभु यीशु के नाम पर मैं प्रधानो अधिकारों, अन्धकार की ताकतों को और दुष्टता की उन आत्मिक सेनाओं को जो आकाश मैं है, मुझ पर या मेरे परिवार पर  हमला करने की कोशिश करती है उन्हें मैं बांधता हूँ और उन शक्तियों को मुझे हानि पहुँचाने से रोक देता हूँ|
* पिता प्रभु  यीशु के नाम पर मैं तंत्र-मन्त्र, श्रापों, जादू-टोना और अंधकार की ताकतों को प्रभु यीशु के लहू के द्वारा इन सभी को नष्ट करता हूँ|
* प्रभु यीशु के लहू द्वारा मैं उन दुष्ट आत्माओं उनकी सहायकों और उनकी ढालों को ध्वस्त करता हूँ और उन दुष्टों को सामर्थ रहित कर देता हूँ
* प्रभु यीशु के लहू द्वारा मैं ऐसे लोगों की तमाम शक्तियों को मुहर बंद कर देता हूँ ताकि वे उन्हें किसी पर भी प्रयोग में ना ला सकें , और होने पाए कि वे प्रभु यीशु को जाने और उसे अपना कर दुष्टता के कामों को छोड़ दें

* प्रभु यीशु के लहू द्वारा मैं शत्रु के कैंप में खलल कर देता  हूँ और जो भी उसकी योजना मेरे या मेरे परिवार के लिए है उसे पूरी तरह से ध्वस्त करता हूँ
* प्रभु यीशु के लहू द्वारा मैं उन दुष्ट ताकतों को जो किसी भी तरह हमारे शरीर के अंगों या तंत्र को प्रभावित करके बीमार करने की कोशिश करतें है ध्वस्त करता  हूँ
* प्रभु यीशु के लहू द्वारा मैं मत्ती 18:18  के अनुसार यीशु के नाम पर बोले हुए श्रापों , विभिन्न अनुष्ठानो, काली विद्ध्या, तंत्र-मन्त्र, जादू-टोना और योग विद्ध्या की ताकतों को बाँध कर तोड़ता हूँ
* प्रभु यीशु के नाम पर यशायाह 11:2 के अनुसार मैं यहोवा का  आत्मा, बुद्धि का आत्मा, समझ का आत्मा, युक्ति और पराक्रम का आत्मा, ज्ञान और यहोवा के भय का आत्मा साथ ही उसकी दया, कृपा, और महिमा का आत्मा स्वयं पर और अपने परिवार  पर छोड़ता हूँ
* मैं धन्यवाद करता हूँ कि यशायाह 54:17, इफिसियों 1:22, और 1 युहन्ना 4:4 के अनुसार शत्रु के द्वारा बनाया गया कोई भी शास्त्र सफल ना होगा क्योंकि मैं प्रभु यीशु के लहू से ढका हूँ, और पिता तुमने सभी कुछ उसके पैरो तले कर दिया है, चूँकि मसीह मुझमें निवास करता है हम यह ऊँचे स्वर में बोलते है कि महान वह है जो हमारे भीतर है ना कि वह जो दुनिया में है
कुछ महत्वपूर्ण स्मरण करने योग्य बातें
* 1 युहन्ना 1:7 के अनुसार प्रभु यीशु का लहू हमारे सभी पापों को धो देता है और हमें क्षमा कर देता है ( पाप की ओर से मन फेर लो )
* व्यवस्थाविवरण 28:6 के अनुसार जब मैं कहीं जाऊं आशीषित हूँ और जब मैं घर वापस लौटूं आशीषित हूँ , इसलिए मैं प्रभु यीशु के नाम पर जहाँ जा रहा हूँ उस स्थान को प्रभु यीशु के लहू से ढकता हूँ और दुष्ट की सभी योजनाओं को रद्द करता हूँ| मैं दुष्ट आत्माओं को बांधता  हूँ और स्वर्गदूतों को मेरी सुरक्षा के लिय छोड़ता हूँ | साथ ही जब मैं वापस लौटूं दुष्ट की कोई भी योजना मेरा पीछा ना करे
* व्यवस्थाविवरण 9:3 और लुका 10:19 के अनुसार मैं जानता हूँ कि परमेश्वर ने मेरे विरोधी को हरा दिया है और मुझे सामर्थ दी है कि मैं साँपों और बिच्छुओं को कुचल सकूं | इसलिए मैं उन्हें और उनके हमलों को कुचलता हूँ और इस तंत्र-मन्त्र को सात गुना वापस भेजता हूँ और इसे यीशु के लहू द्वारा उन पर बाँध देता हूँ, साथ ही किसी भी तरह की कोई डोर अगर मुझ तक या मेरे परिवार से जुड़ रही हो उसे काट कर जला देता हूँ प्रभु यीशु के नाम पर
2 तीमुथियुस 4:7 के अनुसार मैंने विश्वास का एक अच्छा युद्ध लड़ा
बोले-
पिता मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आपकी पवित्र आत्मा ने मेरे भीतर अन्धकार की ताकतों और उनके कामों को जला दिया है
पिता मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आपने मुझे पवित्र आत्मा से भर दिया है
पिता मैं आपको धन्यवाद देता हूँ कि आपने मुझे शान्ति और आनंद दिया है
मैं आपकी प्रशंशा और स्तुति करता हूँ
स्मरण करने योग्य बातेंक्या घर के मुखिया होने के नाते आप अपने बच्चों व पत्नी के लिए प्रार्थना करते हैं कि नहीं?
लेकिन आज के बाद अवश्य ही करें
निर्गमन 12:3 और 13 के अनुसार परमेश्वर का मेमना हमारे परिवार के लिए त्याग बलि चढ़ चुका है इसलिए मैं किसी भी विनाश के तीरों को छूने की अनुमति नहीं है
मेरी प्रार्थना तुम सबके लिए
पिता मैं आपसे यीशु के नाम पर प्रार्थना करती हूँ कि आप इन सभी को मन की आँखें दे ताकि ये आत्मिक जगत में देख सकें और स्थिति को परख सकें| साथ ही मैं इन सबको आपके लहू से ढकती हूँ और इनके विरोध में उठा हर शास्त्र असफल करती हूँ | इनके या इनके परिवार के लिए की गई  दुष्ट की हर चाल को मैं रद्द करती हूँ और आपके छुटकारे की आत्मा को छोड़ती हूँ
आमीन 

Friday, November 2, 2012

अपने दिल की चौकसी करो

गलातियों 5:22-23
पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज, और कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम हैं; ऐसे ऐसे कामों के विरोध में कोई भी व्यवस्था नहीं।
अगर पहले दो फल प्रेम और आनंद तुममे नहीं है तो तीसरा फल मौजूद हों ये मुश्किल होगा|
इससे पहले मैं आगे बढूँ मेरे कुछप्रश्न है
क्या तुम्हारा जीवन शांति मय है?
क्या तुम्हारे परिवार में शांति है?
क्या तुम अपने माता-पिता की तरफ से शांत हो?
क्या तुम अपने बच्चों की तरफ से शांत हो?
क्या तुम अपने काम से संतुष्ट हो?
क्या अपने बॉस की ओर से शांति है?
तुम्हारे लिए शांति का क्या मूल्य है?
तुम इसके लिए क्या मूल्य दोगे?
तुम क्या सोचते हो कि तुम क्या करो ताकि शांति तुम्हारे जीवन में आ जाये?
परमेश्वर ने क्या किया ताकि शांति तुम्हारे जीवन में आ जाये?
बोलो- अपना पुत्र दिया
पुत्र ने क्या किया ताकि शांति हमारे जीवन में आ जाये?
बोलो- अपना बलिदान दिया
फिर क्या किया?
पढ़ें युहन्ना 14: 27
मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।
यीशु  ने अपनी शांति दी, और उसे हमारे पास छोड़ दी, और कहा कि अपने दिलो को तकलीफ में ना आने दो
इसका मतलब साफ़ ज़ाहिर है कि परमेश्वर हमारे जीवन के लिए सजग है| जब उसने हमे पवित्र आत्मा दिया उसने हमे उसके फल भी दिए| परमेश्वर का प्रेम बिना शर्त का है इसका मतलब है कि वह हमसे सदैव प्रेम रखता है|
आनंद परमेश्वर से ही है उसके बाहर नहीं|
शांति वहीँ मिलेगी जहाँ प्रेम व आनंद होगा|
परमेश्वर परिवार के मध्य में है और उसकी आत्मा के फल लोगों के बीच में ही विकसित होतें हैं |
क्या त्तुम परमेश्वर के फलों को अपने मध्य में पनपते हुए देखना पसंद करोगे या नहीं!
अगर हाँ तो अवश्य जानो इसके लिए तुम्हें मोल चुकाना पड़ेगा
क्या तुम मोल चुकाना नहीं चाहते हो, तो फिर तुम यीशु के कैसे कहलाओगे
पढ़ें युहन्ना 17: 16-18
जैसे मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं। सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है।  जैसे तू ने जगत में मुझे भेजा, वैसे ही मैं ने भी उन्हें जगत में भेजा।
इसका मतलब तुम दुनिया में हो पर दुनिया के नहीं | तुम्हारे ज़रिये यीशु दूसरों के जीवन में काम करता है, इसका मतलब वह तुम्हारे बहुत करीब है, फिर तुम भी अवश्य ही धीरे-धीरे उसके जैसे होते जाओगे
क्या तुम उसके जैसे हो या शत्रु जैसे ?
अपने को परखो!
कैसे परखे
जांचों
1 . क्या परमेश्वर की शांति तुम्हारे साथ है?
पढ़ें रोमियो 5:1-2
सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें। जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।
अगर परमेश्वर की शांति तुममे नहीं है तुम दुनिया से प्रभावित होगे और तुम्हारा विश्वास डगमगाएगा, फिर तुम परमेश्वर से कैसे पाओगे | यह बहुत ही खतरनाक है क्योंकि इससे शैतान की मर्जी होती है परमेश्वर की नहीं|
पढ़ें याकूब 1:6-8
पर विश्वास से मांगे, और कुछ सन्देह न करे; क्योंकि सन्देह करने वाला समुद्र की लहर के समान है जो हवा से बहती और उछलती है। ऐसा मनुष्य यह न समझे, कि मुझे प्रभु से कुछ मिलेगा। वह व्यक्ति दुचित्ता है, और अपनी सारी बातों में चंचल है॥
2 . क्या अपने जीवन में तुम्हे शांति है?
पढ़ें रोमियो 5:3-5
केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। ओर धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।
जीवन में जब कठिन वक्त आता है तो तुम्हारे कदम कहाँ चल पड़ते हैं ?
परमेश्वर हमारा पिता है वह हमे अवश्य ही काटेगा-छटेगा ताकि हमारा व्यक्तित्व निखर सके और हम उसके समान बन सकें
अपने वचनों में परमेश्वर ने हमे अपनी शांति का भरोसा दे रखा है ना कि भय का
3 . क्या शांति और अभिमान में तकरार है?
पढ़ें मत्ती 11:28-30
हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है॥
यीशु जिस बोझे की बात कर रहें है वह बोझा हमारे दिन प्रतिदिन होने वाली प्रतिक्रियाओं से सम्बंधित है | जैसे कि परिवार सम्बंधित, जॉब सम्बंधित, स्वास्थ सम्बंधित| यही बोझे हमे दिन-प्रतिदिन ढोने पड़ते है| फिर क्या तुम दुनिया के दिखावे वाले अभिमान में पड़े हो?
कितनी बार तुम शेखी और दिखावे के चक्कर में अपने आप को मुश्किल में डाल चुके हो
परमेश्वर में होने के बाद भी अगर तुम दुनिया की चाल चलोगे तो क्या शैतान तुम्हें परमेश्वर के राज्य का भागी दार होने में रुकावट ना डालेगा
4 . क्या जिद्दी या हठी लोगों के बीच में भी शांति कायम रहती है?
पढ़ें रोमियो 14:12-19
सो हम में से हर एक परमेश्वर को अपना अपना लेखा देगा॥ सो आगे को हम एक दूसरे पर दोष न लगाएं पर तुम यही ठान लो कि कोई अपने भाई के सामने ठेस या ठोकर खाने का कारण न रखे। मैं जानता हूं, और प्रभु यीशु से मुझे निश्चय हुआ है, कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उस को अशुद्ध समझता है, उसके लिये अशुद्ध है।  यदि तेरा भाई तेरे भोजन के कारण उदास होता है, तो फिर तू प्रेम की रीति से नहीं चलता: जिस के लिये मसीह मरा उस को तू अपने भोजन के द्वारा नाश न कर।  अब तुम्हारी भलाई की निन्दा न होने पाए।  क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना पीना नहीं; परन्तु धर्म और मिलाप और वह आनन्द है;  जो पवित्र आत्मा से होता है और जो कोई इस रीति से मसीह की सेवा करता है, वह परमेश्वर को भाता है और मनुष्यों में ग्रहण योग्य ठहरता है।  इसलिये हम उन बातों का प्रयत्न करें जिनसे मेल मिलाप और एक दूसरे का सुधार हो।
हमे परमेश्वर ने मेल-मिलाप के लिए बुलाया है ना कि छींटा-कशी के लिए | बल्कि परमेश्वर के प्रेम को बनाये रखे रहने के लिए जिसमे आनंद और शांति है |
पढ़ें मत्ती 18:19
फिर मैं तुम से कहता हूं, यदि तुम में से दो जन पृथ्वी पर किसी बात के लिये जिसे वे मांगें, एक मन के हों, तो वह मेरे पिता की ओर से स्वर्ग में है उन के लिये हो जाएगी।
परमेश्वर नहीं चाहता कि हममे से कोई भी नष्ट हो तभी वह एक साथ सहमत होने की बात कर रहा है | अगर हम सहमत नहीं शैतान अपना काम कर जाता है और परिवार नष्ट हो जाते है
अगर तुम्हारा प्रेम दुनिया से है तो खतरा है
कुछ पॉइंट्स याद रखने के लिए-
1 . यीशु ने बोला उसका मार्ग सकरा है, लेकिन दुनिया का रास्ता लुभावना है
2 . लगता है कि हम जीवन जी रहें है लेकिन वह मार्ग अन्धकार की ओर ले जाता है
3 . अनादर लाता है और शैतान हावी होने लगता है
4 . शांति को भंग करता है
एक सलाह -
पढ़ें नीतिवचन 4:23
सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।
अपने दिल को संभाल कर रखो, क्योंकि युद्ध की भूमि यह दुनिया और उसके चाल-चलन हैं
पढ़ें रोमियों 12:2
और इस संसार के सदृश न बनो; परन्तु तुम्हारी बुद्धि के नये हो जाने से तुम्हारा चाल-चलन भी बदलता जाए, जिस से तुम परमेश्वर की भली, और भावती, और सिद्ध इच्छा अनुभव से मालूम करते रहो॥
मेरा अंतिम प्रश्न -
किसने तुम्हारा दिल पकड़ा हुआ है दुनिया ने या यीशु ने?
अगर यीशु ने, तो तुम हार के लिए नहीं बनाये गए हो
पढ़ें नीतिवचन 24:16
क्योंकि धर्मी चाहे सात बार गिरे तो भी उठ खड़ा होता है; परन्तु दुष्ट लोग विपत्ति में गिर कर पड़े ही रहते हैं।
बोलो- मैं परमेश्वर का धर्मी हूँ, इसलिए उसकी शान्ति मेरे साथ है
मेरी प्रार्थना -
पिता प्रभु यीशु के नाम पर मैं तुम्हें धन्यवाद देती हूँ और मांगती हूँ कि तुम हमारे जीवनों में सफलता भर दो | मेरी प्रार्थना है कि लोग तुम पर भरोसा करें और तुम अपनी शान्ति उन्हें दे दो| उनके जीवन के अतिउत्तम दिन आने पायें और तुम उन्हें अपूर्व आशीषों से भर दो | परमेश्वर का मार्ग शांति देता है यह बात पवित्र आत्मा उनके जीवन में  प्रकट कर दो |

अमीन